Aaj ham bichhade hai / आज हम बिछड़े हैं

आज हम बिछड़े हैं तो कितने रंगीले हो गए
मेरी आँखें सुर्ख़, तेरे हाथ पीले हो गए

कब की पत्थर हो चुकी थी, मुंतज़िर आँखें मगर
छू के जब देखा तो मेरे हाथ गीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो ।

जाने क्या एहसास साज़-ए-हुस्न के तारों में है
जिनको छूते ही मेरे नग़मे रसीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो ।

अब कोई उम्मीद है 'शाहिद', न कोई आरज़ू
आसरे टूटे तो जीने के वसीले हो गए
आज हम बिछड़े हैं तो ।।

Comments