Tanha Huve Kharab Huve, Aaina Huve (Ghazal) Lyrics in Hindi

Tanha Huve Kharab Huve, Aaina Huve (Ghazal) Lyrics in Hindi


तन्हा हुए ख़राब हुए आइना हुए
चाहा था आदमी बनें लेकिन ख़ुदा हुए

जब तक जिए बिखरते रहे टूटते रहे
हम साँस साँस क़र्ज़ की सूरत अदा हुए

हम भी किसी कमान से निकले थे तीर से
ये और बात है कि निशाने ख़ता हुए

पुर-शोर रास्तों से गुज़रना मुहाल था
हट कर चले तो आप ही अपनी सज़ा हुए

No comments: