Mujhe Gussa Dikhaya Ja Raha Hai (Ghazal) Lyrics in Hindi

Mujhe Gussa Dikhaya Ja Raha Hai (Ghazal) Lyrics in Hindi


मुझे गुसा दिखाया जा रहा है
तबस्सुम को दबाया जा रहा है

वहाँ तक आबरू जब्त-ऐ-गम है
जहाँ तक मुस्कुराया जा रहा है

दो आलम मैंने छोडे जिसके खातिर
वही दामन छुडाया जा रहा है

क़रीब आने में है उनको तकल्लुफ
वहीँ से मुस्कुराया जा रहा है



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