Jinda Rahane Ki Yen Tarqib Nikali Maine (Ghazal) Lyrics in Hindi

Jinda Rahane Ki Yen Tarqib Nikali Maine (Ghazal) Lyrics in Hindi


 ज़िंदा रहने की ये तरकीब निकाली मैं ने
अपने होने की ख़बर सब से छुपा ली मैं ने

जब ज़मीं रेत की मानिंद सरकती पाई
आसमाँ थाम लिया जान बचा ली मैं ने

अपने सूरज की तमाज़त का भरम रखने को
नर्म छाँव में कड़ी धूप मिला ली मैं ने

मरहला कोई जुदाई का जो दरपेश हुआ
तो तबस्सुम की रिदा ग़म को ओढ़ा ली मैं ने

एक लम्हे को तिरी सम्त से उट्ठा बादल
और बारिश की सी उम्मीद लगा ली मैं ने

बा'द मुद्दत मुझे नींद आई बड़े चैन की नींद
ख़ाक जब ओढ़ ली जब ख़ाक बिछा ली मैं ने

जो 'अलीना' ने सर-ए-अर्श दुआ भेजी थी
उस की तासीर यहीं फ़र्श पे पा ली मैं ने

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