Ankho Me Jal Raha Hai Kyu , Bujhata Nahi Dhua Lyrics in Hindi
आँखों में जल रहा है क्यूँ? बुझता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा सा बरसता नहीं धुआँ ....
चूल्हें नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गये हैं अब, उठता नहीं धुआँ ...
आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ .....
आँखो से आँसुओं के ™मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आये तो, चुभता नहीं धुआँ .....
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