Phool Barase Kahin Shabanam Kahi Gouhar Barase Lyrics in Hindi
फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गौहर बरसे
और इस दिल की तरफ़ बरसे तो पत्थर बरसे ..
कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे
एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे ....
हम जैसे मजबूर का गुस्सा भी अजब बादल है
अपने ही दिल से उठे अपने ही दिल पर बरसे ....
बर्फ़ के फूलों से रौशन हुई तारीक़ ज़मीं
रात की शाख़ से जैसे ™मह-ओ-अख़्तर बरसे ....
प्यार का गीत अँधेरों पे उजालों की फुवार
और नफ़रत की सदा शीशे पे पत्थर बरसे ....
बारिशें छत पे खुली जगहों पे होती हैं मगर
ग़म वो सावन है जो उन कमरों के अंदर बरसे ...
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