Namak Ki Roz Malish Kar Rahe Hai Lyrics in Hindi

Namak Ki Roz Malish Kar Rahe Hai Lyrics in Hindi



नमक की रोज़ मालिश कर रहे हैं
हमारे ज़ख़्म वर्ज़िश कर रहे हैं

सुनो लोगों को ये शक हो गया है
कि हम जीने की साज़िश कर रहे हैं

हमारी प्यास को रानी बना लें
कई दरिया ये कोशिश कर रहे हैं

मिरे सहरा से जो बादल उठे थे
किसी दरिया पे बारिश कर रहे हैं

ये सब पानी की ख़ाली बोतलें हैं
जिन्हें हम नज़्र-ए-आतिश कर रहे हैं

अभी चमके नहीं 'ग़ालिब' के जूते
अभी नक़्क़ाद पॉलिश कर रहे हैं

तिरी तस्वीर, पंखा, मेज़, मुफ़लर
मिरे कमरे में गर्दिश कर रहे हैं

फ़हमी बदायुनी

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