Chak-e-jigar ke / चाक-ए-जिगर के

चाक-ए-जिगर के सी लेते हैं
जैसे भी हो जी लेते हैं
चाक जिगर के...

दर्द मिले तो सह लेते हैं
अश्क मिले तो पी लेते हैं
चाक-ए-जिगर के...

आप कहें तो मर जाएँ हम
आप कहें तो जी लेते हैं
चाक-ए-जिगर के...

बेज़ारी के अंधियारे में
जीने वाले जी लेते हैं
चाक जिगर के...

हम तो हैं उन फूलों जैसे
जो काँटों में जी लेते हैं
चाक जिगर के...

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