Khayaal Ko Vajud Deke Usako Dhundate Rahe Lyrics in Hindi
ख़याल को वुज़ूद देके, उसको ढूँढ़ते रहे
वुज़ूद जो ख़याल था !
दुआएँ फूँकते रहे, धुएँ में हम
कि आग की लपट उठे तो थाम लें
उसे तुम्हारा नाम दें !
पहाड़ों की गुफ़ाओं में...
किसी ने जुस्तजू जलाके रखी थी
और इंतज़ार के लिए,
समय की इन्तहा हटाके रखी थी
इबादतें तराशे पत्थरों पे
और घर बना लिए ख़याल के पनाह के लिए,
बस इक उम्मीद के गुनाह के लिए !
तमाम शब जली है शमा हिज़्र की...
उम्मीद भी बची है तो बस इतनी,
जितनी एक बाँझ कोख की उम्मीद हो !!
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